विपक्ष की MLA परेड

मुंबई  :  लोकतंत्र में ताकत की परीक्षा सदन में होती है. ऐसा बहुत कम ही होता है कि एक पांच सितारा होटल में राजनीतिक दलों को अपनी ताकत की नुमाइश करनी पड़ती है. लेकिन सोमवार को मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में एक तरह की मिनी एसेंबली सजाई गई. शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी ने होटल हयात में 162 विधायकों को बुलाया.यहां उनका फोटो सेशन कराया गया फिर उन्हें ईमानदारी और निष्ठा की शपथ दिलाई गई. इसके साथ ही इन तीनों दलों ने एक बार फिर ऐलान कर दिया कि वे महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से फ्रंट फुट पर आ गए हैं.कानूनी अड़चनों को अगर एक तरफ रख दिया जाए तो मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फैसले से पहले पवार-उद्धव और खड़गे ने बहुत होशियारी के साथ डंके की चोट पर ये मुनादी करवा दी है कि बीजेपी के पास संख्याबल नहीं है और वो लोकतंत्र का माखौल उड़ा रही है. दरअसल शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन महा विकास अघाड़ी ने इस मेगा इवेंट के साथ महाराष्ट्र के लिए चल रही सत्ता की रेस में तीन मोर्चों पर बढ़त ले ली है. महाराष्ट्र के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है. महाराष्ट्र में शनिवार को देवेंद्र फडणवीस ने एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में सीएम पद की शपथ ले ली थी. एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. महाराष्ट्र के विपक्ष ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सोमवार को दोनों पक्षों ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपनी दलीलें रखीं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाला है. इस फैसले से पहले अपने पक्ष में लगभग 162 विधायकों को जुटाकर महा विकास अघाड़ी ने न्यायिक बिरादरी में संदेश दे दिया है कि कानूनी पेचीदिगियां भले ही कुछ भी हों, इंसाफ का तकाजा ये कहता है कि महाराष्ट्र की सत्ता के असली दावेदार वे ही हैं.