गीता गोपीनाथ बोलीं- कोरोना से भारत के सामने दो चुनौती

UMESH NIGAM

मुंबई   :   कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया संकट में है. आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि इस महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं.’फाइटिंग दी इकोनॉमिक वायरस’ कार्यक्रम में बातचीत के दौरान गीता गोपीनाथ ने कहा कि इस महामारी ने दुनिया को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. हालात कब और किस तरह से सुधरेंगे, इसे लेकर अभी अनिश्चितता बरकरार रहेगी.अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ का मानना है कि कोरोना के चलते इस वर्ष ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ में 3 फीसदी तक की गिरावट दिख सकती है, हालांकि उन्होंने कहा कि चीन और भारत की अर्थव्यवस्था में इतनी बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिलेगी.उनका मानना है कि इस संकट में अगर किसी देश की अर्थव्‍यवस्‍था बची रह सकती है तो वो केवल भारत और चीन ही है. चीन और भारत की ग्रोथ की क्षमता बाकी देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है इसलिए जहां ज्यादार देशों में ग्रोथ नेगेटिव रहने वाली है, वहीं भारत और चीन में यह क्रमश: 1.9 और 1.2 फीसदी रहेगी.उन्होंने कहा कि किसी ने भी इस महामारी के बारे में नहीं सोचा था. उन्होंने कहा कि इस संकट को लेकर दुनिया एकजुट है और इससे निपटने की तैयारियां चल रही हैं. उन्होंने कहा कि जी-20 और जी-7 में इस मामले को लेकर सदस्य देशों के बीच भी बातचीत हुई है. गोपीनाथ ने कहा कि इस संकट से डी-ग्लोबलाइजेशन का खतरा है, कई देश संरक्षणवादी नीति अपना सकते हैं. लेकिन इससे बचना होगा, ऐसे संकट के दौर में सभी देश मिलकर ही इस खतरे से निपट सकते हैं. इस वायरस की वजह से दुनिया में सभी को घरों में सिमटना पड़ा है, इसलिए यह किसी वित्तीय संकट से भी बड़ा है, इस बार अमेरिकी केंद्रीय बैंक जैसे कई बैंकों ने ज्यादा तेजी से कार्रवाई की है.