आज दोपहर में मंत्रिमंडल गठन

UMESH NIGAM

भोपाल    :      मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी करने के करीब एक महीने बाद शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का गठन करने जा रहे हैं. शिवराज कैबिनेट में फिलहाल पांच मंत्रियों को शामिल किया जा रहा है, जिन्हें राज्यपाल लालजी टंडन मंगलवार दोपहर को शपथ दिलाएंगे. मध्य प्रदेश में शिवराज के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभान वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो समर्थक मंत्री पद की शपथ लेंगे.मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की शपथ के 29 दिन बाद आज उनके मंत्रियों को राजभवन में शपथ दिलायी जाएगी. शपथ लेने वाले मंत्रियों में बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह जैसे नाम शामिल हैं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को भी शामिल करने का निर्णय किया गया है.कमलनाथ मंत्रिमंडल में भी तुलसीराम सिलावट के पास स्वास्थ्य और गोविंद सिंह राजपूत के पास परिवहन विभाग की कमान थी, अब एक बार फिर उन्हें शिवराज सरकार में मंत्री बनाया जा रहा है. मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इस हिसाब से सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. शिवराज की नई सरकार में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद होगी.बता दें कि कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्‍विजय सिंह से अनबन होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें 6 कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे. इसी वजह से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान को राज्य का सीएम बनने का मौका मिला. कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया.कमलनाथ सरकार के छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था. इनमें प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर और महेंद्र सिंह सिसोदिया मंत्री थे, जिनके इस्तीफे से कमलनाथ की विदाई और शिवराज की ताजपोशी हुई है. शिवराज कैबिनेट में फिलहाल तुलसीराम सिलावट और गोविंद राजपूत को जगह मिल रही है बाकी को बाद में शामिल किया जा सकता है.हालांकि, कांग्रेस से बगावत करने वाले बिसाहूलाल सिंह, ऐंदल सिंह कंसाना, हरदीपसिंह डंग और राज्यवर्धन सिंह भी मंत्री पद के दावेदारों में शामिल माने जा रहे थे. इन नेताओं ने कमलनाथ सरकार से बगावत ही इसीलिए की थी, क्योंकि कमलनाथ ने इन्हें मंत्री नहीं बनाया था. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही थी कि शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल में इन्हें शामिल कर सकते हैं.