एलपीजी की तरह बिजली की सब्सिडी भी बैंक खाते में भेजने की तैयारी

UMESH NIGAM

BHOPAL – एलपीजी की तरह अब बिजली की सब्सिडी भी बैंक खाते में आएगी … इसके लिए केंद्र सरकार बिजली के क्षेत्र में जल्द ही बड़ा बदलाव करने जा रही हैं … इससे बिजली के करोंड़ों उपभोक्ता सीधे तौर पर प्रभावित होंगे … सरकार अब बिजली कंपनियों को सब्सिडी नहीं देगी … बिजली कंपनियां ग्राहकों से बिल की पूरी राशि वसूल करेंगी … ग्राहकों को बिजली पूरी कीमत पर मिलेगी … फिर स्लैब के हिसाब से सरकार ग्राहकों के खाते में सब्सिडी की राशि ट्रांसफर करेगी … इसका सबसे बड़ा असर होता नजर आ रहा है कि … मुफ्त बिजली के दिन खत्म हो जाएंगे … कोई भी सरकार मुफ्त में बिजली नहीं दे सकेंगी … संभावना जताई जा रही हैं कि … भविष्य में सरकार केवल जरुरतमंदों को ही सब्सिडी जारी रखेगी … प्रस्तावित नए बिजली कानून के मुताबिक बिजली कंपनियों को लागत के आधार पर उपभोक्ताओं से बिल वसूलने की छूट मिलेगी … दरअसल अभी बिजली उत्पादन कंपनियों की लागत ग्राहकों से वसूली जाने वाले बिल से 47 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा है …इसकी भरपाई बिजली कंपनियां सब्सिडी से करती हैं … अभी तक राज्य सरकारें डिस्ट्रीब्यूटर बिजली कंपनियों को एडवांस सब्सिडी देती है … इस सब्सिडी के हिसाब से ही बिजली की दरें तय होती है … बिजली के प्रस्तावित नए कानून लागू होने के बाद … पूरी लागत ग्राहकों से वसूली जाएगी एवं … सब्सिडी बैंक खातों में ट्रांसफर होगी … सरकार के द्वारा नया बिजली कानून लाने के पीछे प्रमुख कारण बताया जा रहा है कि … बिजली वितरण कंपनियां बताती हैं कि वे जबरदस्त घाटे में चल रही हैं … डिसकॉम को सरकार से सब्सिडी मिलने में अक्सर देरी होती हैं … जिससे बिजली वितरण कंपनियां घाटे के संकट से उबर ही नहीं पा रही …

– एलपीजी की तरह बिजली की सब्सिडी भी बैंक खाते में भेजने की तैयारी
– केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रही
– बिजली कंपनियां ग्राहकों से पूरा बिजली का बिल वसूलेंगी
– स्लैब के हिसाब से सरकार ग्राहकों के खाते में सब्सिडी ट्रांसफर करेंगी
– सरकार जरूरतमंदों को ही सब्सिडी जारी रख सकती हैं
– डिसकॉम को सरकार से सब्सिडी मिलने में अक्सर देरी होती हैं
– बिजली वितरण कंपनियां हमेशा घाटा बताती थी, इसलिए केंद्र सरकार को नया कानून लाने की जरूरत पड़ी
– मप्र सरकार सालाना 32,000 करोड़ की राशि तीनों डिसकॉम को देती हैं