पीपीपी मॉडल के 27 प्रोजेक्ट अभी तक शुरू नहीं हो पाएं

UMESH NIGAM

BHOPAL -मप्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मॉडल ने कुछ कदम जरूर बढ़ाएं … लेकिन जैसी सफलता पीपीपी मॉडल को मिलने की संभावना जताई गई थी … वैसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है … मप्र में पीपीपी मॉडल की शुरुआत वर्ष 2003-04 में हुई थी … शुरुआती 7 साल की अवधि में प्रदेश में केवल 31 प्रोजेक्ट पर ही काम शुरू हो पाया था … हालांकि वर्ष 2010-11 के दौरान पीपीपी मॉडल के कामों में अचानक तेजी देखी गई थी … करीब 18 साल की अवधि में करीब 18 हजार 534 करोड़ की राशि के लगभग 183 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई हैं … इसमें से 27 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो अभी तक शुरू भी नहीं हो पाएं हैं … जबकि इनको कई वर्षों पहले मंजूरी दी गई थी … इसके अलावा 10 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनके टेंडर संबंधित विभागों ने टेंडर जारी दिए थे … लेकिन इनमें से 7 प्रोजेक्ट के कामकाज की गति काफी धीमी है … ये प्रोजेक्ट पूरे भी हो पाएंगे … इसकी संभावना भी कम ही नजर आ रही है … राज्य सरकार के संबंधित विभागों में पिछले 18 साल की अवधि में करीब 14 हजार 506 करोड़ की राशि खर्च कर पीपीपी मॉडल के 140 प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचा दिया गया है … सरकार को अन्य कामों की बजाए सड़कों के काम में पीपीपी मॉडल में खासी सफलता हाथ लगी … प्रदेश में सबसे ज्यादा पीपीपी मॉडल में 132 सड़कों का काम बीओटी के आधार पर कराया गया है … इस काम पर सरकार ने 12 हजार 340 करोड़ की राशि खर्च की है … प्रदेश में जितने भी बीओटी आधारित टोल संचालित हो रहे हैं … उनमें से ज्यादातर पीपीपी मॉडल के हैं … जबकि ऊर्जा, स्वास्थ्य, परिवहन, वेयरहाउस और वाटर सप्लाई के क्षेत्र में 3-3 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी … इसी तरह उद्योग के क्षेत्र में दो, स्पोर्ट और तकनीकी के क्षेत्र में 1-1, पर्यटन के क्षेत्र में 7 और शहरी विकास के क्षेत्र में 25 प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे … इनमें से पर्यटन के 3, वेयर हाउसिंग के 2, नेशनल हेल्थ मिशन और परिवहन विभाग का एक-एक और सड़क निर्माण के 6 सहित कुछ और पीपीपी मॉडल के प्रोजेक्ट हुए हैं …

– मप्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल की शुरुआत वर्ष 2003-04 में हुई थी
– 18 साल में 18, 534 करोड़ की राशि के 183 प्रोजेक्ट को मंजूरी किए थे
– पीपीपी मॉडल के 27 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो अभी तक शुरू भी नहीं हो पाएं
– मप्र में सबसे ज्यादा पीपीपी मॉडल में 132 सड़कों का काम बीओटी पर कराया गया
– पीपीपी पर सड़क बनवाने मप्र सरकार ने 12 हजार 340 करोड़ की राशि खर्च की थी
– ऊर्जा, स्वास्थ्य, परिवहन, वेयरहाउस, उद्योग, स्पोर्ट के क्षेत्र के पीपीपी मॉडल के प्रोजेक्ट अटके