सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाने से पहले अपने विभाग को जानकारी देना जरूरी

UMESH NIGAM

BHOPAL- सरकार के खिलाफ या फिर किसी भी समस्या को लेकर यदि हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट में अधिकारी – कर्मचारी याचिका लगाता है तो उसे पहले अपने विभाग को जानकारी देना होगी … ये नया प्रावधान मप्र सरकार के लोक निर्माण विभाग ने लागू किया है … इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने अपने पोर्टल पर ही अलग से यूआरएल उपलब्ध करवाया है …इस नई व्यवस्था के पीछे दलील दी जा रही हैं कि कोर्ट से पारित आदेशों की जानकारी समय पर विभाग को नहीं मिल पाती हैं … जानकारी के अभाव में संबंधित निर्णयों का पालन नहीं होने से विभाग को अक्सर अवमानना का भी सामना करना पड़ता है … अवमानना की स्थिति न बने इसके वास्ते अब ऐसे सभी न्यायालयीन आदेशों के संकलन के लिए लोक निर्माण विभाग में विशेष अभियान चलेगा … इसके अलावा कई बार अधिकारी – कर्मचारी के खिलाफ विभाग कोई कार्रवाई करता है तो … उस आदेश पर कोर्ट स्टे लेकर वर्षों तक संबंधित अधिकारी – कर्मचारी चुपचाप बैठा रहता था … अब विभाग में कार्यरत सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों के … कोर्ट से जुड़े प्रकरण विभाग के पोर्टल पर दिखाई देंगे … पोर्टल पर दिए गए यूआरएल में … याचिकाकर्ता को खुद ही जानकारी देना होगी … ऐसा इसलिए किया जा रहा है … ताकि कोर्ट के आदेश और अवमानना प्रकरण की जानकारी … विभाग के संज्ञान में आ सके और … इन मामलों पर तुरंत एक्शन लिया जा सके … इस पूरी प्रक्रिया में खास बात यह है कि डेप्युटेशन पर पदस्थ विभाग के कर्मचारी भी इसमें जानकारी अपलोड कर सकते हैं … लोक निर्माण विभाग के बाद राज्य सरकार के अन्य विभाग भी अदालती मामलों के जानकारी से जुड़े इस प्रावधान को लागू करने का मन बना सकते हैं … पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव ने ईएनसी, एमपीआरडीसी के एमडी और पीआईयू के डायरेक्टर को निर्देश दिए हैं कि वे उनके दफ्तरों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों – अधिकारियों के साथ ही सेवानिवृत्त अधिकारियों – कर्मचारियों को भी इसकी सूचना भिजवा दें …

– सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाने से पहले अपने विभाग को जानकारी देना जरूरी
– लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए अपने पोर्टल पर अलग से बनाया यूआरएल
– अवमानना की स्थिति न बने इसलिए अदालत के आदेशों के संकलन का विशेष अभियान चलेगा
– कई बार कोर्ट के पारित आदेशों की जानकारी विभाग को समय पर नहीं मिल पाती हैं
– विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कोर्ट से स्टे लेकर कई वर्षों तक चुपचाप बैठे रहते हैं
– अब कोर्ट से स्टे ले कर वर्षों तक चुपचाप बैठे अधिकारियों- कर्मचारियों को लगेगा झटका
– पीडब्ल्यूडी के बाद दूसरे विभाग भी अपना सकते अदालती मामलों के लिए ये प्रक्रिया