ब्यूरोक्रेसी के चर्चित प्रसंग

Bhopal –  ब्यूरोक्रेसी से जुड़ा एक प्रसंग खासा चर्चा का विषय बना हुआ है … मप्र कैडर के एक सीनियर आईएएस अफसर आजकल खूब चर्चाओं में बने हुए हैं … लोग कहते हैं कि इन महाशय ने किसी का भला किया हो या न किया हो … लेकिन अपने परिवार का अपने पावर से खूब भला किया है … आईएएस महाशय ने अपने ही दस्तखत से अपनी ही पत्नी की नौकरी … मेडिकल कॉलेज में लगा दी … मजेदार बात तो यह हैं कि मैडम ड्यूटी पर नहीं … घर पर रहती हैं और तनख्वाह से बैंक बैलेंस बढ़ता रहता है … साहब के इस अंदाज से डाक्टर खासे खपा हैं … लेकिन मजबूर हैं इसलिए कर कुछ सकते नहीं हैं …साहब ऐसा ही कुछ हाल सीआर लिखवाने वालों की भी करते हैं … जब तक साहब की हथेली गर्म नहीं होती तब तक सीआर लिखी नहीं जाती हैं … इधर हथेली गर्म हुई और उधर साहब सीआर में सब कुछ अच्छा ही अच्छा लिखने और देखने लगते हैं … मंत्रालय के गलियारों में लोग चर्चा करते हैं कि … साहब के कामकाज की ज्यादा गहराई से … जाकर खोजबीन करेंगे तो ऐसी कई जानकारियां सार्वजनिक हो जाएंगी … जिनके बाहर आने से कई लोग चौंक जाएंगे … चर्चा तो यह भी हैं कि साहब को मौजूदा पदस्थपना संघ की सिफारिश पर मिली है … अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे कि बात किस आईएएस अफसर की हो रही है … फिर भी सुविधा के लिए बताते चलें कि साहब की पदस्थापना मालवांचल में हैं … इन्होंने अपना छात्र जीवन दिल्ली यूनिवर्सिटी में बिताया था …