ब्यूरोक्रेसी के चर्चित प्रसंग

BHOPAL – प्रमुख सचिव स्तर के एक आईएएस अफसर के गांव में कुछ दिनों पहले एक आयोजन हुआ … इस आयोजन में उन सभी लोगों को आमंत्रित किया गया था … जो उस गांव से वास्ता रखते हैं और देश और विदेश में प्रतिष्ठित पदों पर बैठे हुए हैं … इस आयोजन के कर्ताधर्ता प्रमुख सचिव के चाचा थे … जो सत्तारूढ़ दल के विधायक भी हैं … इस आयोजन में आईएएस होने के नाते प्रमुख सचिव ने भी शिरकत की थी … आयोजन में गांव के ही सभी युवा और बुजुर्ग शामिल हुए … इसी दौरान एक बुजुर्ग ने अपनी क्षेत्रीय बोली में प्रमुख सचिव महोदय से पूछा ही लिया कि … तुम हमको चीन्हते हो … प्रमुख सचिव ने कहा मैं आपको नहीं पहचानता … इतना सुनते ही बुजुर्ग बोल पड़े कि मप्र में जितने आईएएस थे उनको तो हम जानते नहीं थे … लेकिन तुमको हम जानते थे … लेकिन अब ये समझ लो कि उनके साथ ही तुमको भी अब हम नहीं जानते … मजेदार बात यह है कि इस बुजुर्ग को प्रमुख सचिव ने बचपन से युवा अवस्था तक देखा था … फिर भी पहचानने से इंकार कर दिया … जानकारों का मानना है कि प्रमुख सचिव ने दो कारणों से बुजुर्ग को पहचानने से इंकार कर दिया … पहला कारण प्रमुख सचिव का रूखे स्वभाव का होना … और दूसरा कारण प्रमुख सचिव ने सोचा कि यह कह दिया कि पहचानता हूं तो बुजुर्ग भूले-भटके कोई काम लेकर उनके पास न पहुंच जाए … अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की … बात किस प्रमुख सचिव की हो रही है … फिर भी सुविधा के लिए बताते चलें की … प्रमुख सचिव विंध्य क्षेत्र से आते हैं और … प्रमुख सचिव महोदय के पिता जी … जल संसाधन विभाग में ऊंचे ओहदे से वर्षों पहले सेवानिवृत्त हुए थे …