ब्यूरोक्रेसी के चर्चित प्रसंग

BHOPAL – प्रशासनिक हलकों में आजकल एक मंत्री और एक आईएएस अफसर के बीच बोलचाल बंद होने का मुद्दा जमकर चर्चा में बना हुआ हैं … आईएएस अफसर से बातचीत मंत्री जी ने ही बंद कर दी … सचिव स्तर के ये आईएएस अफसर डायरेक्ट्रेट में आयुक्त के पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं … मंत्री जी को डायरेक्ट्रेट से संबंधित कोई भी काम होता हैं तो … वे आयुक्त की बजाए उनके अधीनस्थ अमले से बातचीत कर लेते हैं … अधीनस्थ अमला जब आयुक्त को मंत्रीजी के फरमान की जानकारी देते हैं … तब आयुक्त का यही जवाब होता हैं कि मंत्रीजी ने मुझसे तो कुछ नहीं कहा … मंत्री और आयुक्त के बीच बातचीत बंद होने पर अधीनस्थ अमला अक्सर फुटबॉल बन जाता हैं … दरअसल मंत्रीजी और आयुक्त महोदय के बीच तबादलों को लेकर तलवारें खिंचीं हुई हैं … मंत्री जी जिनके नाम तबादले के लिए आयुक्त को देते थे … उन नामों को छोड़कर बाकी के नाम तबादला सूची में नजर आते थे … आयुक्त महोदय की इन सभी कारगुजारियों के चलते ही मंत्रीजी ने आयुक्त से बातचीत ही बंद कर दी … मुख्यमंत्री जब भी समीक्षा बैठक लेते हैं … तब मंत्री जी आयुक्त महोदय की गलतियां गिनाने में कोई मौका नहीं छोड़ते … एक-एक कर आयुक्त के सामने मुख्यमंत्री को विभाग की गलतियां बताते हैं … वैसे तो आप समझ ही गए होंगे कि बात किस मंत्री और किस आईएएस अफसर की हो रही हैं … फिर भी आपकी सुविधा के लिए बताते चलें कि आईएएस अफसर वो हैं जो कुछ दिनों में प्रमुख सचिव बनने वाले हैं …