उज्जैन के महाकाल लोक का मामला लोकायुक्त पहुंचा

उज्जैन के महाकाल लोक का मामला लोकायुक्त पहुंचा
– लोकायुक्त ने 3 IAS सहित 15 लोगों को नोटिस थमाए
-नोटिस का जबाव देने के लिए लोकायुक्त ने 28 अक्टूबर तक का समय दिया
– अफसरों पर पद का दुरुपयोग कर ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप
– महाकाल लोग कॉरिडोर के ठेकेदार मनोज भाई पुरुषोत्तम भाई बाबरिया हैं
-लोकायुक्त के नोटिस में कहा गया जांच में प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित पाए गए
– उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह, स्मार्ट सिटी के पूर्व CEO क्षितिज सिंघल को नोटिस मिला
– उज्जैन नगर निगम के पूर्व आयुक्त अंशुल गुप्ता को भी लोकायुक्त ने थमाया नोटिस
-महाकाल लोक कॉरिडोर का काम उज्जैन स्मार्ट सिटी के द्वारा कराया जा रहा है
bhopal-उज्जैन के महाकाल लोक कॉरिडोर के प्रथम चरण में कराए गए कामों में हुए भ्रष्टाचार के लिए लोकायुक्त ने तीन आईएएस अफसरों सहित 15 लोगों को नोटिस थमाए हैं । इस नोटिस का जबाव देने के लिए लोकायुक्त ने … 28 अक्टूबर तक का समय दिया है । इन अफसरों पर अपने पद का दुरुपयोग कर ठेकेदार मनोज भाई पुरुषोत्तम भाई बाबरिया को महाकाल लोक कॉरिडोर के निर्माण में आर्थिक लाभ देने और शासन को हानि पहुंचाने का आरोप है । लोकायुक्त द्वारा इन अफसरों को थमाए गए नोटिस में कहा गया है कि, लोकायुक्त संगठन द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित पाए गए हैं । जिन अफसरों को लोकायुक्त ने नोटिस दिए हैं, उनमें उज्जैन के कलेक्टर और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अध्यक्ष आईएएस अफसर आशीष सिंह उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तत्कालीन कार्यपालक निदेशक आईएएस अफसर क्षितिज सिंघल और तत्कालीन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता शामिल है । इनके अलावा उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मनोनीत निदेशक सोजन सिंह रावत और दीपक रतनावत, स्वतंत्र निदेशक श्रीनिवास नरसिंह राव पांडुरंगी, स्मार्ट सिटी उज्जैन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष पाठक, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेंद्र सिंह चौहान, मुख्य वित्तीय अधिकारी जुवान सिंह तोमर, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री धर्मेंद्र वर्मा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री फरीदउद्दीन कुरैशी, सहायक यंत्री कमल कांत सक्सेना, और उपयंत्री आकाश सिंह के साथ ही पीडीएमसी उज्जैन स्मार्ट सिटी के टीम लीडर संजय शाक्या और जूनियर इंजीनियर तरुण सोनी शामिल है । दरअसल महाकाल लोक कॉरिडोर का काम उज्जैन स्मार्ट सिटी के द्वारा कराया जा रहा है । इसलिए उज्जैन स्मार्ट सिटी से जुड़े अफसरों को लोकायुक्त ने नोटिस थमाए हैं। महाकाल लोक कॉरिडोर के प्रथम चरण का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया था । महाकाल लोक कॉरिडोर के सभी चरणों की विकास परियोजना 856 करोड़ राशि की है । इसके पहले चरण में महाकाल लोक कॉरिडोर को 316 करोड़ रुपए में विकसित किया है । 900 मीटर से ज्यादा लंबा महाकाल लोक कॉरिडोर पुरानी रुद्र सागर झील के चारों ओर फैला हुआ है । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पुनर्विकास योजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है । गलियारे के लिए दो भव्य एंट्री गेट नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह गलियारा मंदिर के मेन गेट तक जाता है । महाकाल मंदिर के नए बने कॉरिडोर में 108 स्तंभ बनाए गए हैं । 910 मीटर का ये पूरा महाकाल … लोक कॉरिडोर इन स्तंभों पर टिका है । महाकाल लोक कॉरिडोर में भव्य प्रवेश द्वार फव्वारों सहित शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा चित्रों की श्रृंखला बनाई गई हैं । कॉरिडोर में 18 फीट की 8 प्रतिमाएं हैं। जबकि 15 फीट की 23, 11 फीट की 17, 10 फीट की 8 और 9 फीट की 19 प्रतिमाएं लगी हैं । महाकाल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था । दो हेक्टेयर में बने मंदिर परिसर में भगवान शिव के अलावा यहां भैरव, गणेशजी, माता पार्वती और अन्य देवताओं की , 200 मूर्तियां बनाई गई है । इसके कुल खर्च में से 21 करोड़ रुपए महाकाल मंदिर समिति खर्च करेगी । महाकाल लोक कॉरिडोर के लिए केंद्र सरकार 271 करोड रुपए दे रही हैं ।