नागरिकता कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर में दंगल

नई दिल्ली   :     राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी की बाद नागरिकता संशोधन बिल अब कानून बन गया है. यानी अब नागरिकता (संशोधन) एक्ट, 2019 लागू हो गया है. पूर्वोत्तर में इस कानून के खिलाफ विरोध हो रहा है और लगातार प्रदर्शन जारी है. कई क्षेत्रों में इंटरनेट, मोबाइल सर्विस को बंद कर दिया है. इसके साथ ही कई संगठनों ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. असम के डिब्रूगढ़ में सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक कर्फ्यू में ढील दे दी गई है. पूर्वोत्तर में सबसे ज्यादा गुवाहाटी में हालात खराब हो रहे हैं, यहां पर लगातार आगजनी हुई थी. असम सरकार की ओर से गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर को हटाया गया है, 8 एसपी का ट्रांसफर किया गया है. जबकि केंद्र सरकार की ओर से असम कैडर के IPS जीपी. सिंह को भेजा गया है, ताकि वह केंद्र सरकार की ओर से वहां पर नज़र रख सकें. इस कानून के खिलाफ पूर्व के राज्यों में विरोध हो रहा है, हिंसक प्रदर्शन भी जारी है. इस बीच इन राज्यों में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है. मेघालय, त्रिपुरा में अगले 48 घंटे के SMS-इंटरनेट को बंद किया गया है. इससे पहले असम के दस जिलों में पहले ही इंटरनेट को बंद किया गया है. असम के जोरहाट से गुरुवार को ही RTI एक्टिविस्ट अखिल गोगोई को गिरफ्तार कर लिया गया. गुरुवार को कई ट्रेन, फ्लाइट भी रद्द कर दी गई थीं. नागरिकता कानून का विपक्ष विरोध कर रहा है, इस सभी के बीच पंजाब और केरल के मुख्यमंत्रियों ने ऐलान किया है कि उनके राज्य में ये कानून लागू नहीं होगा. कैप्टन अमरिंदर सिंह, पिनरई विजयन ने गुरुवार को ये ऐलान किया. इससे पहले ममता बनर्जी भी कह चुकी हैं कि वह बंगाल में कानून लागू नहीं होने देंगी. हालांकि, नागरिकता का मसला केंद्र के अधीन होता है ऐसे में राज्यों को कानून लागू करना पड़ता है.