पैक्स अपनी माली हालत की जानकारी नाबार्ड से ही छिपाती हैं
-मप्र की प्राथमिक साख सहकारी समितियां नाबार्ड की मदद से ही कारोबार करती हैं
– नाबार्ड की रिफाइनेंसिंग से सहकारी बैंक और पैक्स किसानों को कर्ज देते है
-पिछले 2 साल से पैक्स की माली हालत की जानकारी नाबार्ड को नहीं दी गई
– प्रदेश के सभी पैक्स करीब 24,581 करोड़ के घाटे में हैं
-मप्र में 4,524 प्राथमिक साख सहकारी समितियां है
-इन समितियों के पास 1,330 करोड़ रुपए ही जमा पूंजी है
-समीतियों …