विदेशों में आम निर्यात का बढ़ा संकट

मुंबई   :    कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में खौफ का माहौल है. आलम यह है कि इससे फलों का राजा कहने जाने वाला आम भी अछूता नहीं रह गया है. भारतीय आमों की मांग अमेरिका और खाड़ी से लेकर यूरोपीय देशों तक में है. इन हिस्सों में रहने वाले भारतीयों को इस मौसम में आम का बेसब्री से इंतजार रहता है. आम का सीजन आ गया है. मगर कोरोना वायरस के चलते इन देशों में आम की सप्लाई बाधित हो रही है. इससे आम किसानों और व्यापारियों पर असर पड़ा और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. एक अनुमान के मुताबिक कुल प्रोडक्शन का 40 फीसदी आम विदेशों में निर्यात कर दिया जाता है. अभी आम का सीजन शुरू ही हुआ है और मुंबई के एपीएमसी मार्केट में रोजाना तीन से चार हजार आम की पेटियां आ रही हैं. जब सीजन पीक पर होगा तो इस मार्केट में रोजाना आम के करीब एक लाख बॉक्से आएंगे. लेकिन निर्यात न होने की वजह से आम के किसानों को भारी नुकसान का सामना पड़ेगा. देश में जितना आम का उत्पादन होता है उसमें आधा तो निर्यात कर दिया जाता है. विदेशों में अलफांसो की बड़ी मांग है और इसे बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है. इस संबंध में आम व्यापारी और एपीएमसी फ्रूट मार्केट के निदेशक संजय पानसरे ने बात की. उन्होंने बताया, ‘किसान आम में बहुत ज्यादा निवेश करते हैं. यह ऐसा फल है जिसकी विदेशों में बहुत मांग है. अगर आम का निर्यात नहीं होगा तो किसानों को बहुत नुकसान होगा. अभी हवाई मार्ग से आम का निर्यात पूरी तरह से बंद है. हम हवाई मार्ग से निर्यात नहीं कर पा रहे हैं. एक अन्य विकल्प समुद्री रास्ता है, लेकिन इसमें बहुत समय लगता है और अभी कोरोनो वायरस के कारण जहाज को लेकर विदेशी देशों के लिए भी बड़ा सवाल है. खाड़ी देशों में, जहाज पहले दुबई जाता है और वहां से आम को अन्य देशों में सड़क से भेजा जाता है. लेकिन अन्य देशों ने अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं…तो आम बाजार के लिए स्थिति बहुत खतरनाक दिखती है.’