आयोग में तन्खा की आपत्ति, सीएस से मांगा था जवाब कलेक्टर ने क्यों दिया

UMESH NIGAM

भोपाल   :    कोराना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल में भर्ती न होने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों के मामले में मानव अधिकार आयाेग ने 7 अप्रैल काे मुख्य सचिव से 4 बिंदुओं पर जबाव मांगा था। 10 अप्रैल को कलेेक्टर भोपाल ने प्रतिवेदन भेजकर बताया था कि उस दिन तक के 47 कर्मचारियों को संक्रमण हो चुका था। इस प्रतिवेदन की एक प्रति वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा को भेजकर आयोग ने उनकी टिप्पणी मांगी थी। गुरुवार को तन्खा की ओर से एडवोकेट रविकांत पाटीदार ने आपत्ति पेश की। ई-मेल के जरिये भेजी गई आपत्ति में कहा गया है कि जब आयोग ने मुख्य सचिव से जवाब मांगा गया था तो कलेक्टर कार्यालय द्वारा भेजा जवाब मान्य नहीं होगा।  कलेक्टर ने जानकारी का पूरा प्रतिवेदन पेश नहीं किया। उनकी ओर से यह भी नहीं बताया गया कि आखिर अफसरों को अस्पताल में भर्ती होने में समय क्यों लगा?विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल के बेटे भारत गोविल विदेश से आए थे तो पल्लवी को इसकी विभाग को देने के साथ ही बेटे और स्वयं क्वोरेंटाइन में रखना था।  आपत्ति में लिखा है कि पल्लवी की कोरोना पॉजीटिव होने की रिपोर्ट 4 अप्रैल को आ गई थी, बावजूद इसके उन्होंने 4 व 5 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती न होकर अपने घर पर स्वास्थ्य बुलेटिन रिकाॅर्ड करने वाली टीम को बुलाकर बिना मास्क पहने हेल्थ बुलेटिन जारी कर दिया।  िवभाग के अन्य अफसर डाॅ. जे विजय कुमार, डाॅ. रूबी खान और डाॅ. उपेंद्र दुबे ने भी अस्पताल में भर्ती होने में देरी की।