मंत्रिमंडल में 15 नए और 13 पुराने नेता

UMESH NIGAM

भोपाल    :        मंत्रिमंडल विस्तार में 15 नए और 13 पुराने नेताओं को जगह मिली है। एेसा पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री और पार्टी ने अनुभवी से ज्यादा नए चेहरों पर भरोसा दिखाया है, ताकि 24 सीटों के सितंबर में संभावित उपचुनावों को जीतने की उम्मीद बन सके। भाजपा ने क्षेत्र के साथ सियासी व जातिगत समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा है। उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल की 16 सीटें हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यहां सिंधिया के 11 समर्थकों, जबकि कांग्रेस से भाजपा में आए एक ऐंदल सिंह कंसाना को मंत्री बनाया गया है। यहां से भाजपा उपचुनाव में सर्वाधिक सीटें जीतने की कोशिश में है। इसीलिए सिंधिया को पूरी तवज्जो दी गई है। शिवराज मंत्रिमंडल में 28 मंत्रियों के शामिल होने के बाद अब कैबिनेट की कुल संख्या 33 हो गई है। नए मंत्रियों को प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गुरुवार को शपथ दिलाई। अब मंत्रिमंडल में सिर्फ एक पद ही रिक्त रह गया है। हैरान करने वाला सियासी गणित यह है कि शिवराज कैबिनेट में 107 विधायकों वाली भाजपा के 19 मंत्री (15 कैबिनेट व चार राज्यमंत्री) हैं, जबकि सिंधिया समर्थकों समेत कांग्रेस से भाजपा में आने वाले 22 पूर्व विधायकों में 14 मंत्री (10 कैबिनेट व चार राज्यमंत्री) हैं। यह करीब 60 से 65 फीसदी है।