चुनावी मोड में मोदी सरकार, ग्रामीण बजट में कर सकती है 16% इजाफा

नई दिल्ली: मोदी सरकार एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने जा रही है. इसके जरिए ग्रामीण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की जाएगी. सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस बार ग्रामीण बजट में 16 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है. बताया जा रहा है कि मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में किसानों को अपने पाले में लाने के लिए मोदी सरकार यह कदम उठा रही है. आपको बता दें कि किसान अपनी मांगों के पूरी नहीं होने की वजह से सरकार से नाराज चल रहे हैं. किसानों की इस नाराजगी का खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को हाल ही में पांच राज्यों में हुए चुनाव में भुगतना पड़ा था.शुक्रवार को पेश होने वाले अंतरिम बजट में ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1.3 ट्रिलियन रुपये यानी 18.25 अरब डॉलर का प्रावधान किया जा सकता है. पिछले बार ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1.12 ट्रिलियन रुपये के बजट का प्रावधान किया गया था. वित्तमंत्री पीयूष गोयल लोकसभा में अपने बजट भाषण के दौरान ग्रामीण बजट को बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं. वर्तमान में मोदी सरकार पर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में जोर देने का दबाव है. आपको बता दें कि देश की दो तिहाई ग्रामीण क्षेत्र में ही रहती है. पिछले साल फसल के कम दाम मिलने और महंगाई बढ़ने से किसान नाराज हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मोदी सरकार की नीतियों से भी लोग खफा हैं. इसी का नतीजा था कि हालिया विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सत्ता गंवा दी थी. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने की पूरी कोशिश अपने आखिरी बजट के जरिए करेगी. सोमवार को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने गरीबों को न्यूनतम आय की गारंटी देने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि अगर साल 2019 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है, तो वो गरीबों को न्यूनतम आय की गारंटी देंगे. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के इस वादे को नौटंकी करार दिया था. सूत्रों की मानें तो ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए पूर्ण बजट में अतिरिक्त आवंटन की जरूरत पड़ेगी. अगर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी दोबारा से जीतकर सरकार बनाती है, तो जुलाई में इसके लिए प्रावधान किया जा सकता है. ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों के अलावा 100 दिन के रोजगार की गारंटी वाले कार्यक्रम के लिए ज्यादा बजट की आवश्यकता होगी.