मुद्रा स्कीम ने बढ़ाई टेंशन

मुंबई  :    भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने मुद्रा लोन स्‍कीम में कर्ज वसूली की बढ़ती समस्या को लेकर चिंता जताई है. मंगलवार को एक कार्यक्रम में एम के जैन ने कहा, ‘‘मुद्रा योजना पर हमारी नजर में है. इस योजना ने जहां एक तरफ देश के कई लाभार्थियों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में बड़ी मदद की तो वहीं इसमें कई कर्जदारों के बीच नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए के बढ़ते स्तर को लेकर कुछ चिंता भी है.’’इस मामले में आरबीआई के डिप्‍टी गवर्नर ने बैंकों को सुझाव भी दिया है. उन्‍होंने कहा कि बैंकों को इस तरह के कर्ज देते समय दस्तावेजों की जांच-परख के स्तर पर कर्ज किस्त के भुगतान की क्षमता पर भी गौर करना होगा. इसके अलावा ऐसे कर्ज का उनकी पूरी अवधि तक करीब से निगरानी करें.बीते जून महीने में एक RTI से हासिल जानकारी में बताया गया था कि सिर्फ वित्त वर्ष 2018-19 में मुद्रा लोन के एनपीए में 9,204.14 करोड़ रुपये की बढ़त हुई है. वहीं मार्च 2019 तक मुद्रा योजना का एनपीए बढ़कर 16,481.45 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि मार्च 2017 तक एनपीए 7,277.31 करोड़ रुपये था. वहीं अगर लोन बांटने के आंकड़ों की बात करें तो 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च, 2019 के बीच मुद्रा योजना के तहत कुल 3.11 लाख करोड़ रुपये के वितरित किए गए.