मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर MP में संजीवनी क्लीनिक

इंदौर   :     दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मोहल्ला क्लीनिक की तरह मध्य प्रदेश सरकार ने भी संजीवनी क्लीनिक खोलने की दिशा में कदम उठाया है. शुरुआत में ये क्लीनिक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के तहत कस्बाई और शहरी क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों के पास खोले जा रहे हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को इंदौर के निपानिया क्षेत्र में राज्य के पहले संजीवनी क्लीनिक का उद्घाटन किया.इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘स्वास्थ्य ऐसा विषय है, जो समाज के प्रत्येक तबके के हर आयु वर्ग वाले लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. हम शहरी क्षेत्रों के साथ आदिवासियों की बसाहट वाले दूरस्थ इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाएंगे.’ संजीवनी क्लीनिक के उद्घाटन के मौके पर राज्य के लोक स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट और कुछ अन्य मंत्री भी उपस्थित थे.अफसरों ने बताया कि राज्य के प्रमुख कस्बों और शहरों के कुल 208 स्थानों पर संजीवनी क्लीनिक खोले जाएंगे. इनमें से 88 क्लीनिक मार्च 2020 तक शुरू हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि ये स्वास्थ्य केंद्र सरकारी कार्य दिवसों पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे. संजीवनी क्लीनिक में सामान्य ओपीडी परामर्श, गर्भवती महिलाओं की जांच और टीकाकरण और संक्रामक बीमारियों के इलाज की सेवाएं मिलेंगी. इनमें कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे गंभीर रोगों की जांच की सुविधा भी रहेगी. अफसरों ने बताया कि संजीवनी क्लीनिक में 68 प्रकार की निःशुल्क जांच होंगी और 120 तरह की दवाएं मुफ्त दी जाएंगी.इससे पहले, मध्य प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए चल रहे प्रयासों के क्रम में जननी एक्सप्रेस और संजीवनी एक्सप्रेस योजना के खराब वाहनों को बदलने की कवायद शुरू की गई थी. इसके तहत जननी एक्सप्रेस योजना में शामिल 45 एंबुलेंस की जगह नए वाहनों को शामिल किया जा रहा है.मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 15 अक्टूबर को जननी एक्सप्रेस की 45 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. मुख्यमंत्री का कहना था कि राज्य सरकार का लक्ष्य आम आदमी की बुनियादी सुविधाओं में निरंतर वृद्धि है. हमारी प्राथमिकता है कि प्रदेश में नागरिकों को हर सुविधा मिले. एक ऐसा वातावरण प्रदेश में बने, जिसमें हर वर्ग खुश रहे और हमारा प्रदेश खुशहाल बने.आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि अभी मध्य प्रदेश के 51 जिलों में 737 संजीवनी और 108 जननी एंबुलेंस वाहन संचालित हैं. इनमें से दो लाख 50 हजार किलोमीटर चल चुके हैं अथवा पांच वर्ष से अधिक पुराने वाहनों में से 50 वाहनों को नए वाहनों में बदलने की योजना है.