गौरी सिंह के वीआरएस पर सदन में जमकर हंगामा

भोपाल    :     मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को गरीबों और एसीएस गौरी सिंह के वीआरएस मांगने के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस बीच स्पीकर एनपी प्रजापति ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूरा करने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही शीतकालीन सत्र संपन्न हो गया। वैसे सत्र 23 दिसंबर तक प्रस्तावित था। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार और रविवार को सदन में अवकाश के बाद सोमवार को भी एक बैठक प्रस्तावित थी। इस तरह सत्र के दौरान पांच में से चार बैठकें ही हो पाईं। सरकार ने 23 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश कर उसे पारित करा लिया है। हंगामे के दौरान भाजपा के सदस्यों ने दो बार आसंदी के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी भी की। अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सदस्यों को बार बार समझाइश दी कि वे शांत होकर सदन की कार्यवाही निर्विघ्न रूप से चलाने में सहयोग दें। शांति नहीं होने पर अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण किया।  सदन में शुक्रवार को प्रश्नकाल समाप्ति के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सड़कों का मामला उठाया। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गौरी सिंह के कथित इस्तीफे का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में सक्रिय पोषण आहार माफिया ने उनका तबादला करा दिया, जिससे व्यथित होकर वे नौकरी छोड़ने काे विवश हुयीं। चौहान ने आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है और दागी अफसर खुलकर खेल रहे हैं। इसी के चलते एक जिले में भू अभिलेख अधिकारी ने तो आत्महत्या तक कर ली।