जंगल बचाने वन मंत्रालय अधिनियम में संशोधन करने जा रहा

UMESH NIGAM

BHOPAL – जंगल बचाने के लिए केंद्र सरकार का पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय वन (संरक्षण) अधिनियम में एक बार फिर संशोधन करने जा रहा है … इसके लिए सभी राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं … दरअसल कई बार अधिकारी नियमों को … ताक पर रखकर वन क्षेत्र में … निर्माण की मंजूरी दे देते हैं … खास तौर पर जमीन डायवर्ट करने के मामले में … नियमों का उल्लंघन किया जाता है … नियमों में संशोधन कर केंद्र सरकार वन क्षेत्र में … मनमाने तरीके से विभिन्न विभागों द्वारा निर्माण करने अथवा … नियमों के बाहर जाकर मंजूरी देने वाले … अफसरों पर अंकुश लगाएगी … ऐसे अफसरों के लिए दोष सिद्ध होने पर … एक साल तक की सजा का प्रावधान किया जा सकता है …अब वन अपराध भी गैर जमानती होगा … जबकि अभी इस तरह के प्रकरण जमानती होते है … वन संरक्षण अधिनियम 1980 में सबसे पहले वर्ष 1988 में किया गया था … बावजूद इसके वनों के संरक्षण की कारगर तरीके से रोकथाम नहीं हो पा रही थी … इसी वजह से 33 साल बाद एक बार फिर … वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन की तैयारी हो रही हैं … भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार … 6 साल में मध्य प्रदेश में 100 वर्ग किलोमीटर से अधिक का वन क्षेत्र काम हुआ है … मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2015 से 5 फरवरी 2019 तक 12 हजार 785 हेक्टेयर वन भूमि दूसरे कामों के लिए दे दी गई … फॉरेस्ट कवर को लेकर हर 2 साल में रिपोर्ट जारी होती है … इसके हिसाब से वर्ष 2013 में फॉरेस्ट कवर 77 हजार 552 वर्ग किलोमीटर था … जो वर्ष 2015 में घटकर 77 हजार 462 वर्ग किलोमीटर और वर्ष 2017 में 77 हजार 414 वर्ग किलोमीटर हो गया … वर्ष 2019 में फॉरेस्ट कवर एरिया जरूर थोड़ा बढ़कर 77 हजार 482 वर्ग किलोमीटर हो गया … लेकिन वर्ष 2013 के फॉरेस्ट कवर के मुकाबले अभी भी कम है … केंद्र सरकार के द्वारा वन अधिनियम में … जो संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया गया … उसके अनुसार वन अपराध होने पर … उस विभाग के प्रमुख को या फिर ऐसे प्रत्येक व्यक्ति … जो अपराध किए जाने के समय प्रभारी अधिकारी था … उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा … विभाग प्रमुख तभी बच सकता है जब वह सिद्ध करेगा कि … उसे अपराध की जानकारी नहीं थी … पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से … वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने के प्रस्ताव पर … मप्र का वन विभाग भी अफसरों से … सुझाव लेकर केंद्र सरकार को भेजेगा …

– जंगल बचाने पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय वन (संरक्षण) अधिनियम में संशोधन करने जा रहा है
– वन (संरक्षण) अधिनियम में एक बार फिर संशोधन के लिए सभी राज्यों से मांगे गए सुझाव
– वन क्षेत्र में मनमाने तरीके से निर्माण करने या नियमों के बाहर जाकर मंजूरी देने वाले अफसरों पर अंकुश लगेगा
– वनों में निर्माण की मंजूरी देने वाले अफसरों का दोष सिद्ध होने पर एक साल तक की सजा का होगा प्रावधान
– वन अपराध होने पर संबंधित विभाग के प्रमुख या प्रभारी अधिकारी के खिलाफ भी मुकदमा दायर होगा
– वन (संरक्षण) अधिनियम में संशोधन के बाद अब वन अपराध भी गैर जमानती होगा
– भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 6 साल में मप्र में 100 वर्ग किमी से अधिक का वन क्षेत्र काम हुआ