ब्यूरोक्रेसी के चर्चित प्रसंग

मंत्रालय के गलियारों में आजकल एक आईएएस अफसर के खूब चर्चे हो रहे हैं … इन महाशय से पिछले दिनों दिवाली के बाद दो व्यापारी मिलने उनके बंगले पहुंचें थे … लेकिन साहब बंगले पर नहीं थे … इसलिए बंगले पर मौजूद संतरी के पास अपना नाम नोट करवाकर वापस लौट आए … करीब सवा घंटे बाद साहब बंगले पर लौटे तो … पता चला कि दो व्यापारी दीवाली मिलन के लिए आए थे … साहब ने इन व्यापारियों को फोन लगाया और कहा कि अब मैं बंगले पर आ गया हूं आप तुरंत आ जाओं … दोनों व्यापारियों ने तुरंत वापस आने में असमर्थता जताई … इन व्यापारियों ने साहब को बताया कि हम करीब 25-30 किलोमीटर दूर आ गए हैं … लेकिन साहब कहां मानने वाले थे … आखिर साहब को ये पता था कि … दीवाली मिलन के लिए आएं थे … तो गिफ्ट तो जरूर लाए होंगे … इसलिए साहब ने फिर जोर डाला और दवाब बनाया और कहा कि मैं इंतजार कर रहा हूं … वापस लौटकर तुरंत आओ … आखिरकार दोनों व्यापारियों को वापस लौटकर साहब के पास आना ही पड़ा … दोनों व्यापारियों ने साहब के साथ उनके बंगले पर चाय पी और साहब को मिठाई के डिब्बे के साथ एक लाख 13 हजार कीमत का एक आई फोन कि गिफ्ट भी दे गए … इसी वजह से साहब व्यापारियों को वापस बुलाने के लिए आतुर हो रहे थे … अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे कि बात किस आईएएस अफसर की हो रही हैं … फिर भी सुविधा के लिए बताते चलें कि … ये महाशय सीनियर आईएएस अफसर हैं और … इनकी मालवांचल में पदस्थापना हैं … इन्होंने अपना छात्र जीवन दिल्ली यूनिवर्सिटी में बिताया था …