भारत ने खत्म किया पाक का MFN दर्जा, अब WTO को बताएगा अपना फैसला

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आंतकी हमले के बाद देश में शोक और गुस्से का माहौल है. हर कोई मोदी सरकार से पाकिस्तान को सख्त जवाब देने की मांग कर रहा है. वहीं भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से व्यापार में MFN यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद अब वाणिज्य मंत्रालय अपने फैसले के बारे में जल्द ही विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को अधिसूचित करेगा. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय डब्ल्यूटीओ के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जा को वापस लेने के बारे में डब्ल्यूटीओ को जानकारी देगा. इसके अलावा मंत्रालय की ओर से पाकिस्तान से आने वाले प्रोडक्ट की एक सूची तैयार की जाएगी. इन सभी प्रोडक्ट्स पर भारत सीमा शुल्क बढ़ाएगा.MFN यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन के तहत आने वाले देश को कई सुविधाएं मिल जातीं हैं. साथ ही व्यापारिक मोर्चे पर सुरक्षा की भावना रहती है. मसलन, पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है. वहीं पाकिस्तान को इस बात का भरोसा था कि किसी भी हालात में आर्थिक मोर्चे पर भारत नुकसान नहीं पहुंचाएगा.भारत ने 1996 में पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था. वहीं पाकिस्तान ने आश्वासन देने के बावजूद भारत को अब तक यह दर्जा नहीं दिया. भारत ने जम्मू-कश्मीर के उरी अटैक के बाद पहली बार पाकिस्तान के MFN दर्जे को लेकर भारत ने रिव्यू किया था. दरअसल, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य के तौर पर हर देश एक-दूसरे को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देते हैं. हालांकि यह दर्जा देना अनिवार्य नहीं होता है.बता दें कि भारत-पाकिस्तान का कुल व्यापार 2016-17 में 2.27 अरब डॉलर था जो मामूली बढ़त के बाद 2017-18 में 2.41 अरब डॉलर हो गया है. भारत ने 2017-18 में 48.8 करोड़ डॉलर का आयात किया था जबकि 1.92 अरब डॉलर का निर्यात किया था. पाकिस्तान से जो चीजें आयात की जाती हैं, उनमें मुख्य रूप से फल, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद, खनिज संसाधन, लौह अयस्क और तैयार चमड़ा शामिल है. जबकि पाकिस्तान से निर्यात होने वाले आइटम में कच्चा कपास, सूती धागे, डाई, रसायन और प्लास्टिक शामिल हैं.बाजार के जानकारों का कहना है कि इस फैसले का देश के द्विपक्षीय व्यापार पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों देशों के बीच का कारोबार सालाना तीन अरब डॉलर से भी कम का है. जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान इस मामले में भारत को डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान व्यवस्था में घसीट सकता है. हालांकि पाकिस्तान की दलीलें ज्यादा देर तक नहीं टिक पाएंगी. दरअसल, पाकिस्तान ने भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिया है. यही वजह है कि उसका पक्ष कमजोर होगा