10वीं के बाकी बचे विषयों की नहीं होगी परीक्षा

UMESH NIGAM

भोपाल    :      लाॅकडाउन पीरियड की स्कूल फीस को लेकर चल रहे असमंजस पर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के चलते बिगड़े हालात को देखते हुए छात्रों को बिना परीक्षा के पास किया जा रहा है. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) ने भी 10वीं की अधूरी रह गई परीक्षा को नहीं कराने का फैसला लिया है. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं के जो पेपर शेष रह गए है, अब वो नहीं होंगे. 10वीं के जो पेपर हो गए, उनके अंक के आधार पर रिजल्ट तैयार होगा.जिन विषयों के पेपर नहीं हुए हैं, उनके आगे अब पास लिखा जाएगा. हालांकि माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं की परीक्षा के जो पेपर शेष रह गए है, उनकी परीक्षा 8 जून से 16 जून के बीच होंगी. 19 मार्च 2020 से लेकर लॉकडाउन समाप्त होने तक की अवधि तक कोई भी निजी विद्यालय विद्यार्थियों से केवल ट्यूशन फीस ले सकेगा. इसके अलावा कोई भी अन्य फीस लेने की इजाजत नहीं है.यह तय हुआ है कि लाॅकडाउन शुरू होने (19 मार्च 2020) से लेकर उसके खत्म होने की अवधि तक सभी निजी स्कूल अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेंगे। इसके अतिरिक्त लिए जाने वाले लाइब्रेरी, विकास शुल्क, स्पोर्ट्स गतिविधियों के साथ कंप्यूटर फीस, एक्टिविटी, स्मार्ट क्लासेज, सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस या अन्य कोई फीस नहीं ली जाएगी। राज्य सरकार के इस निर्णय से अभिभावकों को 1 से 8 हजार रुपए तक (अलग-अलग निजी स्कूलों की सालाना फीस व अतिरिक्त शुल्क के आधार पर अनुमान) कम देने होंगे। इस दौरान की बस फीस भी नहीं ली जा सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। लंबे समय से अभिभावकों की तरफ से यह बात उठाई जा रही थी कि निजी स्कूल संचालक पूरी फीस की डिमांड कर रहे हैं। एेसे स्कूलों की फीस 30 हजार रुपए से लेकर सवा लाख रुपए सालाना तक है। इसमें ट्यूशन फीस के अतिरिक्त काफी बड़ी राशि है, जो 30 से 50 फीसदी तक होती है। इसमें से ही लाॅक डाउन पीरियड का पैसा नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅक डाउन खत्म होने के बाद जब स्कूल शुरू होंगे, उसके बाद संचालक बाकी फीस के बारे में निर्णय लेंगे।