शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट फिर तेज

UMESH NIGAM

भोपाल    :      मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ठोस चर्चा मंगलवार को होने जा रही है। देर शाम होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री चौहान के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत मौजूद रहेंगे। इसमें संभावित नामों को अंतिम रूप देने के साथ प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से बात करके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा को जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री खुद दिल्ली जाकर बात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी 6 से 8 पद रिक्त रखे जाएं, जिन्हें उपचुनाव के बाद भरा जा सकता है। इस बारे में केंद्रीय संगठन से बात करके अंतिम फैसला लिया जाएगा।मंत्री पद के लिए दावेदार माने जाने वाले नेताओं का मुख्यमंत्री चौहान से मिलने का दौर जारी है। बैठकों के बीच, मुख्यमंत्री ने उन्हें संकेत दिया है कि 31 मई से पहले तक मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है, लेकिन इसके लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सहमति की जरूरत पड़ेगी। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा इसकी पहल कर सकते हैं। पार्टी से संकेत मिलने के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट उपचुनाव की तैयारी में जुट गया है। अभी शिवराज कैबिनेट में सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को ही मंत्री बनाया गया है।सूत्रों का कहना है कि 22 से 24 कैबिनेट और राज्य मंत्री बनाए जाएंगे। सिंधिया गुट के 4 विधायकों और अपनी मर्जी से कांग्रेस से भाजपा में आए 3 विधायकों का मंत्री बनना तय है। भाजपा के सामने बड़ी मुश्किल यह है कि वह अपने लोगों के साथ किस तरह से समन्वय बैठाएगी। भाजपा में 40 से अधिक ऐसे नाम हैं जो मंत्री बनाए जाने की दावेदारी सामने रख चुके हैं। उन्होंने राज्य से लेकर दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाई है। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री और संगठन के सामने चेहरे तय करने को लेकर चुनौतियां बढ़ गई हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्री पद के नए दावेदार में जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी, उन्हें पार्टी के प्रदेश निकाय में स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा सरकार के निगम-मंडलों, आयोग और बोर्ड में भी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद तुरंत नियुक्तियों की घोषणा हो सकती है।