ब्यूरोक्रेसी के क्षेत्र में चर्चित प्रसंग

BHOPAL – अक्सर लोग कहा करते हैं कि नौकरी में रहते हुए ज्यादातर आईएएस अफसर अपने व्यक्तिगत कामों के लिए अपने वेतन से फूटी कौड़ी नहीं खर्च करते … अधिकांश काम इधर-उधर बोलकर करवा लेते हैं … इसी वजह से अपने बटुए से खर्च करने की इनकी आदत ही छूट जाती हैं … रिटायरमेंट के बाद इनको अपने कामकाज के लिए पैसे खर्च करना पड़ते हैं तो काफी तखलीफ होती हैं … कुछ आईएएस तो रिटायरमेंट के बाद भी कामकाज करवाने के लिए जुगाड़ ढूंढ लेते हैं … ऐसा ही कुछ एक सीनियर आईएएस अफसर ने रिटायरमेंट के बाद किया … इन महाशय को अपना घर बनवाने के वास्ते सीमेंट की 3,000 बोरी की जरूरत थी … इसके लिए इन्होंने एक ऐसे सीमेंट फैक्टरी के मालिक की मदद ली … जिसको कलेक्टर रहते हुए इन आईएएस अफसर ने खूब उपकृत किया था … एहसानों के बदले में कमाई नौकरी में रहते हुए भी खूब की और … रिटायरमेंट के बाद भी कमाई करने में कोई कसर नही छोड़ रहें हैं … भारी मन से ही लेकिन सीमेंट फैक्ट्री के मालिक ने सीमेंट की 3,000 बोरी भिजवा दी … साहब का मकान मुफ्त में बन गया … अब साहब की बेटी की शादी हो रही हैं … शादी में भी खर्चा होगा … इसलिए साहब ने सीमेंट फैक्ट्री के इसी मालिक को … फरमान भिजवा दिया कि 15 लाख की रकम भिजवा दो … अब उघोगपति की इच्छा हो या न हो … एहसानों के बदले में इस तरह के … सभी काम तो करना पड़ेगें … अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि बात किस … सीनियर आईएएस अफसर की हो रही हैं … ये महाशय सूबे के प्रशासनिक मुखिया रह चुके हैं … इनका नाम हनी ट्रैप में भी खूब चर्चा में आया था … जबकि सीमेंट फैक्ट्री के मालिक विंध्य क्षेत्र के सतना जिले के हैं …