राजनीति या ब्यूरोक्रेसी के क्षेत्र में चर्चित प्रसंग

BHOPAL – एक प्रमुख सचिव के चाचा विधायक हैं और इनका फिल्मों से जुड़ा व्यवसाय हैं … चाचा ने 80-90 के दशक में फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिका करने वाले एक अभिनेता के द्वारा कराए जाने वाले फिल्म फेस्टिवल के लिए सरकारी आर्थिक मदद करने अपने आईएएस भतीजे से सिफारिश की थी … चाचा की सिफारिश पर अभिनेता को 45 लाख की आर्थिक मदद दिलवाने फाइल बनाई गई … इस फाइल को मंजूरी के लिए विभाग के मंत्री के पास भेजा गया … प्रमुख सचिव को उम्मीद थी कि मंत्रीजी तत्काल मंजूरी दे देंगे … इसके बाद आर्थिक सहायता की राशि अभिनेता के बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी … लेकिन मंत्री जी ने इस मामले में मास्टर स्ट्रोक खेला … आर्थिक मदद की इस फाइल को मंजूरी के लिए समन्वय भेज दिया … इस बात की जानकारी लगते ही प्रमुख सचिव बैचेन हो गए … प्रमुख सचिव ने मंत्री जी के बंगले में पूछताछ करी तो … उन्हें बताया गया कि फिल्म फेस्टिवल कराने वाला अभिनेता सत्ताधारी दल की पहले सदस्यता ले चुका था … बाद में किसी और दल में चला गया … अब फिर सत्ताधारी दल के आसपास फटक रहा है … लेकिन फिलहाल कोई लिफ्ट नहीं मार रहा था … मामला राजनीति से जुड़ा हुआ है इसलिए फाइल समन्वय में भेजना जरूरी है …इतना सुनते ही प्रमुख सचिव की बोलती बंद हो गई … ये बात प्रमुख सचिव भी जानते हैं कि समन्वय से फाइल आसानी से नहीं लौटेगी … ये फिल्म अभिनेता फिल्म फेस्टिवल के लिए पहले भी मप्र की सरकार से आर्थिक मदद लें चुका है … तब किसी और से सिफारिश करवाई थी … अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे कि बात किस आईएएस अफसर और किस विधायक की हो रही हैं … फिर भी दर्शकों की सुविधा के लिए बताते चलें कि प्रमुख सचिव विंध्य क्षेत्र के रहने वाले हैं और … उनके चाचा भी विंध्य क्षेत्र से ही सत्तारूढ़ दल के विधायक हैं … विधायक की विंध्य क्षेत्र में टॉकीज भी हैं … फिल्म फेस्टिवल करवाने वाला अभिनेता भी बुंदेलखंड क्षेत्र के मप्र से स्टे हुए उप्र के जिले का रहने वाला है …