ठेकेदार ने सीप-कोलार लिंक परियोजना की डिजाइन बदल दी

BHOPAL – सरकारी अफसरों और इंजीनियरों की लापरवाही के नमूने आए दिन सामने आते रहते हैं … जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की ऐसी ही लापरवाही सरकार को भारी पड़ रही … किसी भी प्रोजेक्ट के काम और उसकी गुणवत्ता का … ध्यान रखने एवं सतत निरीक्षण करने की … जिम्मेदारी इंजीनियरों की होती हैं … लेकिन जल संसाधन विभाग के सीप-कोलार लिंक परियोजना के … कामों के जिम्मेदार इंजीनियरों ने समय-समय पर … निरीक्षण करने की जरूरत ही महसूस नहीं की … इसका नतीजा यह रहा कि ठेकेदार ने … सीप-कोलार लिंक परियोजना की डिजाइन ही बदल दी … ठेकेदार ने परियोजना का काम अपने हिसाब से करवा दिया … इसके चलते सरकार के खजाने को 2 करोड़ 80 लाख की राशि का नुकसान हो गया … सीप-कोलार लिंक परियोजना का ठेका … हैदराबाद की कंपनी कोस्टल प्रोजेक्ट लिमिटेड को दिया गया था … इस कंपनी ने यह काम नई दिल्ली की सबलेट एजेंसी … माय राइड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया … इस सबलेट कंपनी ने मनमाने तरीके से परियोजना का काम करवाया … इस काम को डिजाइन के अनुरूप करवाने और … निरीक्षण करने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के … एसडीओ और 2 उप यंत्रियों को दी गई थी … लेकिन इनमें से किसी ने भी एक दिन निरीक्षण नहीं किया … आश्चर्यजनक बात तो यह हैं कि जल संसाधन के ईएनसी ने … इन लापरवाह इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के बजाए … शो-कॉज नोटिस ही थमा कर औपचारिकता निभा दी … वर्ष 2012 में मंजूर हुई थी सीप- कोलार लिंक परियोजना … तय शेड्यूल के अनुसार इस परियोजना का काम वर्ष 2015 में पूरा हो जाना चाहिए था … लेकिन जल संसाधन के इंजीनियरों की लापरवाही के चलते 3 साल में पूरा होने वाला काम 10 साल बाद वर्ष 2021 में भी पूरा नहीं हो पाया … इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर 12 एमजीडी अतिरिक्त … (करीब 5 करोड़ 40 लाख लीटर) पानी सप्लाई लिया जा सकेगा … जल संसाधन विभाग द्वारा इस योजना को इसलिए शुरू किया गया था … ताकि इछावर तहसील के किसानों को खेती के लिए पर्याप्त पानी मिल सके और … इसके जरिए कोलार डैम में भी पानी की मात्रा बढ़ाई जा सके … इस योजना के जरिए एक नदी का पानी लिफ्ट कर डैम में छोड़ा जाएगा … पानी लिफ्ट करने के लिए बिजली से चलने वाली मोटर का उपयोग नहीं किया जाएगा … ग्रेविटि से ही पानी पहुंचाया जाएगा … इसके लिए सीप नदी पर एक 22 मीटर ऊंचा कांक्रीट का डैम बनाया गया है … इस डैम से एक कांक्रीट की नहर निकाली गई है … इस नहर का पानी कालियादेव के पास नाले पर बनाए गए … दूसरे डैम में आएगा यहां से घोड़ा पछाड़ नाले पर बने डैम में पहुंचेगा … कोलार डैम की क्षमता 270 मिलियन क्यूबिक मीटर है … यानी 270 अरब लीटर पानी एकत्रित हो सकता है … इस डैम का निर्माण वर्ष 1987 में किया गया था … औसतन डैम में हर साल 185 एमसीएम ( 185 अरब लीटर) पानी आता है …

– ठेकेदार ने सीप-कोलार लिंक परियोजना की डिजाइन बदल दी
– सीप-कोलार लिंक परियोजना के ठेकेदार की लापरवाही से सरकार को 2.80 करोड़ का हुआ। नुकसान
– जल संसाधन विभाग ने एसडीओ सहित 3 इंजीनियरों को थमाया शो-कॉज नोटिस
– सीप-कोलार लिंक परियोजना को राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में दी थी मंजूरी
– सीप-कोलार लिंक परियोजना का काम वर्ष 2015 में हो जाना था पूरा
– सीप-कोलार लिंक परियोजना का काम वर्ष 2021 में भी चल रहा है
– सीप-कोलार लिंक परियोजना का 3 साल में पूरा होने वाला काम 10 साल बाद भी अधूरा
– सीप-कोलार लिंक परियोजना के पूरा होने पर 12 MGD अतिरिक्त पानी लिया जा सकेगा
– सीप-कोलार लिंक परियोजना पूरी होने पर इछावर तहसील में सिंचाई और भोपाल में पीने का पानी मिलेगा