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ब्यूरोक्रेसी के चर्चित प्रसंग

BHOPAL – हाल ही में कलेक्टरी करके भोपाल आए एक आईएएस अफसर खासे बैचेन नजर आते हैं … जिस पद पर ये महाशय फिलहाल बैठाए गए वहां इनको ऊपर से और अलग से कुछ भी नहीं मिल रहा है … जो इनकी बैचेनी का प्रमुख कारण हैं … इनके फंडे पूरी तरह से क्लियर हैं … यदि तन्खवाह के भरोसे जीवनयापन ही करना पड़ें तो आईएएस बनने का क्या फायदा … इसी वजह इन महाशय …

मतदाता परिचय पत्र को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा

BHOPAL- केंद्र सरकार ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का निर्णय लिया है … केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी भी दे दी है … अब यह विधेयक संसद में जाएगा … संसद से इस विधेयक के पास होते ही … चुनाव आयोग वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का काम शुरू करेगा … हालांकि अभी आधार कार्ड को मतदाता परिचय पत्र से लिंक करवाने की अनिवार्यता लागू नहीं की जाएगी …

ब्यूरोक्रेसी के चर्चित प्रसंग

BHOPAL – सूबे की एक सीमेंट फैक्ट्री की दिक्कतों को दूर करवाने के लिए तीन मंत्री लामबंद हो गए … सबसे पहले एक बुजुर्ग मंत्री ने प्रमुख सचिव को अपने बंगले पर तलब किया … प्रमुख सचिव जब जिला पंचायत में सीईओ थे तब से मंत्रीजी से अच्छे संबंध थे … इसलिए मंत्रीजी ने प्रमुख सचिव से सीधे-सीधे काम की बात कर ली … लेकिन प्रमुख सचिव ने हाथ खड़े कर दिए … मंत्री ने …

ठेकेदार ने सीप-कोलार लिंक परियोजना की डिजाइन बदल दी

BHOPAL – सरकारी अफसरों और इंजीनियरों की लापरवाही के नमूने आए दिन सामने आते रहते हैं … जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की ऐसी ही लापरवाही सरकार को भारी पड़ रही … किसी भी प्रोजेक्ट के काम और उसकी गुणवत्ता का … ध्यान रखने एवं सतत निरीक्षण करने की … जिम्मेदारी इंजीनियरों की होती हैं … लेकिन जल संसाधन विभाग के सीप-कोलार लिंक परियोजना के … कामों के जिम्मेदार इंजीनियरों ने समय-समय पर … निरीक्षण …

रिश्वतखोरी के मामले में मप्र देश में सातवें नंबर पर

BHOPAL-सरकारी कामकाज में रिश्वतखोरी के मामले में मप्र देश में सातवें नंबर पर हैं … लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के शिकंजे में फंस रहे अधिकारियों और कर्मचारियों का ग्राफ भी इस बात की ओर सीधा-सीधा इशारा कर रहा … अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मामले का अध्ययन करने वाली … संस्था वैश्विक रिश्वत जोखिम सूचकांक
ट्रैस के इंडिया करप्शन सर्वे में … इसका खुलासा किया गया हैं … हालांकि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की रिश्वतखोरी के मामले …

कमलनाथ सरकार में 3M कंपनी को स्मार्ट सिटी मिशन ने दिए थे 192.82 करोड़ के टेंडर

BHOPAL – कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी मिशन में दिए गए टेंडर एक बार फिर विवादों में आ गए हैं … मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों … स्मार्ट सिटी मिशन के कामों की समीक्षा के दौरान … स्पष्ट रूप से कहा था कि पूर्ववर्ती सरकार में लूट मची थी … स्मार्ट सिटी मिशन में टेंडर भी लूटने के लिए निकले थे … इसी के बाद सीएम ने पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार …

दक्षिण अफ्रीका से चीतों के आने पर फिर लगा ग्रहण

UMEH NIGAM

BHOPAL – दक्षिण अफ्रीका से चीतों के आने पर एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने ग्रहण लगा दिया है … चीतों को मप्र के कूनो-पालपुर सेंचुरी में लाने से पहले मप्र के वन विभाग का अमला चीतों के रहवास और ईको सिस्टम सहित अन्य वातावरण को दक्षिण अफ्रीका जाकर देखना चाहता था … जिससे अफ्रीकन चीतों को वहां की तरह रहवास और ईको सिस्टम मप्र के कूनो-पालपुर सेंचुरी में उपलब्ध कराया जा सके …

झांसी के 400 करोड़ के रेस्ट हाउस को बेचने का मामला मप्र-उप्र सरकार के बीच उलझा

UMEH NIGAM

BHOPAL – झांसी स्थित करीब 400 करोड़ की कीमत के मप्र के रेस्ट हाउस को बेचने का मामला मप्र और उप्र सरकार के बीच उलझा गया है … मध्यप्रदेश सरकार के लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ने उप्र के झांसी स्थित रेस्ट हाउस को बेचने का निर्णय लिया था … यह निर्णय मप्र सरकार के द्वारा गठित मंत्री परिषद की समिति ने लिया था … मंत्री परिषद की यह समिति गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा …

PCCF के तीन पद बढ़ाने पर केंद्र सरकार के केबिनेट सेक्रेटरी की आपत्ति

UMESH NIGAM

BHOPAL – भारतीय वन सेवा के कॉडर रिव्यू के प्रस्ताव पर केबिनेट सेक्रेटरी ने आपत्ति लगा दी है … केबिनेट सेक्रेटरी ने इस मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पूछा हैं कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीसीसीएफ के 3 पद बढ़ाए जाने के बाद आईएफएस कॉडर में स्वीकृत पद का प्रतिशत कितना होगा … आईएफएस के कॉडर में फिलहाल 296 पद हैं … इस हिसाब से पीसीसीएफ के 2 फीसदी पद ही …

सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाने से पहले अपने विभाग को जानकारी देना जरूरी

UMESH NIGAM

BHOPAL- सरकार के खिलाफ या फिर किसी भी समस्या को लेकर यदि हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट में अधिकारी – कर्मचारी याचिका लगाता है तो उसे पहले अपने विभाग को जानकारी देना होगी … ये नया प्रावधान मप्र सरकार के लोक निर्माण विभाग ने लागू किया है … इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने अपने पोर्टल पर ही अलग से यूआरएल उपलब्ध करवाया है …इस नई व्यवस्था के पीछे दलील दी जा रही हैं …